बॉम्बे हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती
NEW DELHI (CG News Focus): सुप्रीम कोर्ट ने वीडियोकॉन-आईसीआईसीआई बैंक लोन फ्रॉड मामले में चंदा कोचर को नोटिस जारी किया है। यह नोटिस केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) की याचिका पर जारी हुआ है, जिसमें बॉम्बे हाई कोर्ट के उस फैसले को चुनौती दी गई थी, जिसमें चंदा कोचर की गिरफ्तारी को अवैध बताया गया था। जनवरी 2023 में बॉम्बे हाई कोर्ट ने चंदा कोचर को अंतरिम जमानत दी थी, जिसे अब सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है।
बॉम्बे हाई कोर्ट की टिप्पणी
इस साल फरवरी में बॉम्बे हाई कोर्ट ने चंदा कोचर और उनके पति दीपक कोचर की गिरफ्तारी को लेकर सीबीआई की आलोचना की थी। न्यायमूर्ति अनुजा प्रभुदेसाई और एन.आर. बोरकार की बेंच ने कहा था कि गिरफ्तारी के फैसले में तथ्यों और कानून को नजरअंदाज किया गया। उन्होंने इसे सीबीआई की ताकत का दुरुपयोग बताया।
लोन फ्रॉड का यह मामला दिसंबर 2017 में शुरू हुआ था, जब सीबीआई ने चंदा कोचर और अन्य के खिलाफ शुरुआती जांच शुरू की थी। दीपक कोचर को सितंबर 2018 में समन मिला था और उनसे कई बार पूछताछ की गई थी। इसके बाद 22 जनवरी 2019 को सीबीआई ने चंदा कोचर और दीपक कोचर के खिलाफ एफआईआर दर्ज की, जिसमें 2009 से 2012 के दौरान गड़बड़ी का आरोप लगाया गया।
प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने 31 जनवरी 2019 को मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) के तहत एक मामला दर्ज किया, जिसमें 1,794 करोड़ रुपये के घोटाले का आरोप था। मई 2020 में ED ने चंदा कोचर और उनके पति से इस मामले में पूछताछ की थी। यह लोन आईसीआईसीआई बैंक ने वीडियोकॉन को 2009 और 2011 के बीच दिया था, जब चंदा कोचर बैंक की मैनेजिंग डायरेक्टर और सीईओ थीं। मामले की जांच के दौरान सीबीआई ने चंदा कोचर के पति दीपक कोचर को गिरफ्तार किया था।
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