- छत्तीसगढ़ सरकार ने राज्य में जानवरों के प्रति हो रहे अत्याचार और अवैध गतिविधियों को रोकने के लिए नए दिशा-निर्देश और कानून बनाने की दिशा में कदम उठाए हैं।
यह पहल मुख्य रूप से पशु बलि, अवैध परिवहन, और जानवरों के प्रति क्रूरता पर केंद्रित है। - पशु बलि और अवैध गतिविधियाँ: सरकार और पशु कल्याण संगठनों द्वारा उठाए गए कदमों के तहत, धार्मिक अनुष्ठानों में हो रही अवैध पशु बलि को रोकने के लिए सख्त निर्देश जारी किए गए हैं।
पुलिस और अन्य संबंधित अधिकारियों को आदेश दिया गया है कि वे इस प्रकार की गतिविधियों पर सख्त निगरानी रखें और कानून का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करें। - नए कानून और दिशा-निर्देश: सरकार ने पशु संरक्षण से जुड़े कानूनों को और अधिक सख्त बनाने की योजना बनाई है।
इन कानूनों के तहत, पशुओं के अवैध परिवहन और अनियमित स्लॉटरहाउस पर भी ध्यान दिया जा रहा है।
इसके अलावा, जानवरों के प्रति क्रूरता के मामलों में भी सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं। - अवैध परिवहन और पशु कल्याण: पशुओं के अवैध परिवहन पर सख्त कार्रवाई की जा रही है।
पशु कल्याण संगठनों ने आरोप लगाया है कि परिवहन के दौरान जानवरों को असुविधाजनक और अमानवीय परिस्थितियों में रखा जाता है।
इस दिशा में, सरकार ने विशेष जांच टीमों का गठन किया है जो इन मामलों की निगरानी करेंगी और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेंगी। - आगे की योजनाएँ: छत्तीसगढ़ सरकार ने यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्धता जताई है कि राज्य में जानवरों के प्रति किसी भी प्रकार की क्रूरता को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
इसके लिए कानूनों को और सख्त बनाने के साथ-साथ जनजागरण अभियानों को भी बढ़ावा दिया जाएगा ताकि लोग जानवरों के प्रति संवेदनशील हो सकें।
छत्तीसगढ़ सरकार के ये नए कदम राज्य में जानवरों के संरक्षण के प्रति एक महत्वपूर्ण पहल है।
इसके माध्यम से सरकार यह सुनिश्चित करना चाहती है कि जानवरों के प्रति किसी भी प्रकार की क्रूरता या अवैध गतिविधियों को रोका जा सके और दोषियों को सख्त सजा दी जा सके।
छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा बनाए गए नए कानूनों के तहत, जानवरों के प्रति क्रूरता या अवैध गतिविधियों में लिप्त पाए जाने वाले दोषियों के खिलाफ सख्त सजा का प्रावधान किया गया है।
सजा का प्रावधान
- *कारावास जानवरों के साथ क्रूरता करने पर दोषी को *3 महीने से 5 साल तक* की कैद हो सकती है, जो अपराध की गंभीरता पर निर्भर करेगा।
- जुर्माना: इसके साथ ही दोषी पर 5000 रुपये से 50,000 रुपये तक का जुर्माना भी लगाया जा सकता है।
- दोनों का प्रावधान: कुछ गंभीर मामलों में, दोनों सजा एक साथ लागू की जा सकती हैं, यानी कैद और जुर्माना दोनों ही दिए जा सकते हैं।
- पशु बलि और अवैध परिवहन: इन मामलों में, दोषियों को 7 साल तक की कैद और 1 लाख रुपये तक का जुर्माना हो सकता है, विशेष रूप से अगर यह कार्य बड़े पैमाने पर किया गया हो।
- जमानत और गिरफ्तारी: इन अपराधों के लिए गैर-जमानती वारंट जारी हो सकता है, और दोषियों को तुरंत गिरफ्तार किया जा सकता है।
विशेष प्रावधान सरकार ने यह सुनिश्चित करने के लिए विशेष अदालतों का गठन किया है, जो इन मामलों में त्वरित कार्रवाई करेंगी और सजा सुनाएंगी।
इसके अलावा, जानवरों के प्रति क्रूरता की शिकायतों के लिए एक हेल्पलाइन भी शुरू की गई है, ताकि लोग आसानी से शिकायत दर्ज करा सकें।
- ये सजा का प्रावधान सरकार द्वारा जानवरों के प्रति किसी भी प्रकार की क्रूरता को रोकने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है।
इससे राज्य में पशु संरक्षण की दिशा में ठोस कार्रवाई की जा सकेगी।
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