नई दिल्ली (CG News Focus): मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट से शराब घोटाले के मामले में बड़ी राहत मिली। इस बहुचर्चित मामले में केजरीवाल को 156 दिनों की हिरासत के बाद जमानत दी गई। उन्हें प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मार्च 2024 में गिरफ्तार किया था, जिसके बाद से वह तिहाड़ जेल में थे।
मामला और गिरफ्तारी
यह घोटाला दिल्ली सरकार की शराब नीति से संबंधित है, जिसे लेकर केजरीवाल और अन्य कई प्रमुख नेताओं पर भ्रष्टाचार और धनशोधन (money laundering) के आरोप लगे थे। प्रवर्तन निदेशालय और केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने इस घोटाले की जांच की, जिसमें कई बड़े नेताओं के खिलाफ कार्रवाई की गई। मार्च 2024 में, केजरीवाल को इसी मामले में गिरफ्तार किया गया था, जिसके बाद उनकी जमानत याचिका कई बार खारिज हुई थी।
सुप्रीम कोर्ट का निर्णय
सुप्रीम कोर्ट ने आज उन्हें जमानत देते हुए कुछ शर्तें भी रखी हैं, जिनका पालन केजरीवाल को करना होगा। अदालत ने उन्हें यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए कि वह किसी भी प्रकार से गवाहों को प्रभावित न करें और जांच में सहयोग करें। जमानत के साथ ही केजरीवाल के ऊपर लगे सभी गंभीर आरोपों की सुनवाई भी जारी रहेगी।
तिहाड़ जेल से रिहाई
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद, केजरीवाल को तिहाड़ जेल से रिहा किया गया। उनकी रिहाई के समय उनकी पत्नी सुनीता केजरीवाल और अन्य करीबी सहयोगी जेल के बाहर मौजूद थे। जैसे ही रिहाई की खबर फैली, उनके समर्थकों में खुशी की लहर दौड़ गई, और सोशल मीडिया पर इसे लेकर कई प्रतिक्रियाएं देखने को मिलीं।
भविष्य की चुनौतियां
हालांकि केजरीवाल को इस मामले में जमानत मिल गई है, लेकिन उन पर लगे आरोपों की कानूनी प्रक्रिया अभी भी जारी रहेगी। दिल्ली की राजनीति में इस मामले ने गहरा असर डाला है, और आगामी दिनों में यह देखना होगा कि इस जमानत का उनके राजनीतिक करियर पर क्या प्रभाव पड़ता है।
इस मामले को लेकर जनता और मीडिया में भी काफी चर्चा हो रही है, और दिल्ली सरकार की शराब नीति पर भी सवाल उठाए जा रहे हैं।
(CG News Focus)