Cgnewsfocus: छत्तीसगढ़ – राज्य के दंतेवाड़ा जिले में नेशनल मिनरल्स डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन (एनएमडीसी) पर 1620 करोड़ रुपये का भारी जुर्माना लगाया गया है। यह कार्रवाई दंतेवाड़ा के कलेक्टर मयंक चतुर्वेदी द्वारा की गई, जिन्होंने खनिज निरीक्षकों की रिपोर्ट के आधार पर इस जुर्माने का आदेश दिया।
मामले का विवरण
एनएमडीसी के किरंदुल काम्प्लेक्स में स्वीकृत खनिपट्टों में अनियमितताओं और खनन नियमों के उल्लंघन का मामला सामने आया। निरीक्षण के बाद, कंपनी को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था, लेकिन एनएमडीसी का जवाब संतोषजनक नहीं पाया गया। इस पर कार्रवाई करते हुए कलेक्टर ने कंपनी पर यह जुर्माना लगाया।
क्यों लगाया गया जुर्माना?
यह जुर्माना छत्तीसगढ़ खनिज (उत्खनन, परिवहन और भंडारण) नियम, 2009 के विभिन्न नियमों के उल्लंघन के कारण लगाया गया है। आरोप है कि एनएमडीसी ने इन नियमों का पालन नहीं किया और खनिज भंडारण में अनियमितताएँ पाई गईं। जुर्माने की राशि में खनिज के बाजार मूल्य और रॉयल्टी भी शामिल हैं।
जुर्माने की राशि और समयसीमा:
कलेक्टर के आदेशानुसार, एनएमडीसी को कुल 1620 करोड़ रुपये का जुर्माना 15 दिनों के भीतर जमा करना होगा। यदि यह राशि समय पर जमा नहीं की गई, तो आगे की कानूनी कार्रवाई की जा सकती है।
प्रभाव और प्रतिक्रिया
इस कार्रवाई से राज्य में खनन नियमों के कड़े अनुपालन का संदेश गया है। एनएमडीसी जैसे बड़े निगम पर इतना बड़ा जुर्माना लगाना राज्य सरकार के खनिज संसाधनों की रक्षा और नियमों के सख्त अनुपालन के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
इस खबर ने उद्योग जगत में हलचल मचा दी है, क्योंकि एनएमडीसी भारत की सबसे बड़ी लौह अयस्क उत्पादक कंपनियों में से एक है।
आगे की प्रक्रिया
अब यह देखना होगा कि एनएमडीसी इस जुर्माने को समय पर जमा करती है या नहीं, और क्या कंपनी इस फैसले के खिलाफ कोई कानूनी कदम उठाती है।
इस मामले से यह साफ हो गया है कि राज्य सरकार खनन गतिविधियों में किसी भी प्रकार की अनियमितताओं को बर्दाश्त नहीं करेगी और ऐसे मामलों में सख्त कार्रवाई