रायगढ़ (CG news focus): छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा शिक्षकों के युक्तियुक्तकरण (Rationalisation) के फैसले ने ग्रामीण स्कूलों की तस्वीर बदलनी शुरू कर दी है। लैलूंगा विकासखंड के पाकरगांव प्राथमिक शाला, जो वर्षों से शिक्षक विहीन था, वहां अब दो शिक्षकों की नियुक्ति से कक्षाओं में फिर से पढ़ाई की रौनक लौट आई है।
बीते चार वर्षों तक यह विद्यालय एकल शिक्षकीय व्यवस्था पर निर्भर था। बाद में शिक्षक के स्थानांतरण से स्कूल पूरी तरह शिक्षक विहीन हो गया था, जिससे बच्चों की पढ़ाई बुरी तरह प्रभावित हुई। पालकों में भी अपने बच्चों के भविष्य को लेकर गहरी चिंता थी।

लेकिन मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में किए गए युक्तियुक्तकरण से पाकरगांव स्कूल को दो स्थायी शिक्षक मिले हैं। अब नियमित कक्षाएं लग रही हैं, बच्चों को अक्षरज्ञान से लेकर हिंदी, अंग्रेजी और गणित जैसे विषयों की पढ़ाई कराई जा रही है। बच्चे अब अंग्रेजी शब्दों के उच्चारण, अर्थ और गणित के प्रश्नों को समझने में रुचि दिखा रहे हैं।
गांव में उत्साह, पालकों ने जताया आभार
पाकरगांव शाला प्रबंधन समिति के अध्यक्ष श्री त्रिनाथ सतपथी ने कहा—

“हमारे गांव का स्कूल फिर से बच्चों के लिए ज्ञान का केंद्र बन गया है। सरकार के युक्तियुक्तकरण फैसले से यहां दो शिक्षक मिले हैं, जिससे पढ़ाई का स्तर बेहतर हो गया है। गांव में इसके लिए सभी लोग मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय का आभार व्यक्त कर रहे हैं।”
शाला प्रबंधन समिति और पालकों का कहना है कि शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार से बच्चों का आत्मविश्वास बढ़ा है और अब गांव का भविष्य भी रोशन नजर आ रहा है।
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