छत्तीसगढ़ में ढगो का नया पैंतरा
CG (CG News Focus): छत्तीसगढ़ में हाल ही में ढगो (धोखेबाजों) द्वारा अपनाए गए नए-नए तरीकों से जनता की सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं। ठगी और धोखाधड़ी के मामलों में बढ़ोतरी देखी जा रही है, जहां अपराधी नई योजनाओं और तकनीकों का उपयोग कर लोगों को निशाना बना रहे हैं।
ठगी के नए तरीके
अधिकारियों के अनुसार, धोखाधड़ी के मामलों में अब ऑनलाइन माध्यम और फर्जी कॉल्स का अधिक उपयोग हो रहा है। अपराधी खुद को सरकारी अधिकारी, बैंक कर्मचारी, या यहां तक कि किसी जानी-मानी कंपनी का प्रतिनिधि बताते हुए लोगों से उनकी निजी जानकारी हासिल कर रहे हैं। इसके बाद उनके बैंक खातों को खाली किया जा रहा है या उधारी का झूठा दावा किया जा रहा है।
डिजिटल माध्यम का दुरुपयोग
विशेषज्ञों का मानना है कि डिजिटल युग में ठगों के लिए ऑनलाइन माध्यम एक बड़ा हथियार बन गया है। बैंकिंग सिस्टम की जानकारी से अनभिज्ञ लोग अक्सर इन जालसाजों के शिकार बनते हैं। पिछले महीने एक 60 वर्षीय व्यक्ति को एक फर्जी बैंक अधिकारी ने धोखा देकर उसके खाते से 50,000 रुपये उड़ा लिए।
“जनता को अपनी व्यक्तिगत जानकारी साझा करने से पहले सतर्क रहना चाहिए,” एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने चेतावनी दी। “किसी भी सरकारी संस्था या बैंक की ओर से व्यक्तिगत जानकारी फोन पर नहीं मांगी जाती है।”
पुलिस और प्रशासन की चुनौतियाँ
हालांकि पुलिस विभाग इन अपराधों से निपटने के लिए कदम उठा रहा है, लेकिन ये मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। छत्तीसगढ़ पुलिस ने साइबर अपराध से निपटने के लिए विशेष अभियान शुरू किया है और जनता को जागरूक करने के लिए कई साइबर सुरक्षा वर्कशॉप भी आयोजित की हैं।
उपाय और सावधानियाँ
विशेषज्ञों के अनुसार, ठगी से बचने के लिए जनता को सतर्क रहना आवश्यक है। किसी भी अनजान कॉल या मैसेज का जवाब देने से पहले उसकी सत्यता की जांच करें। ऑनलाइन बैंकिंग करते समय द्वि-स्तरीय प्रमाणीकरण (Two-Factor Authentication) का उपयोग करें और अपने पासवर्ड नियमित रूप से बदलें।
“जनता की सुरक्षा के लिए साइबर जागरूकता बढ़ाने की जरूरत है,” कहा एक साइबर सुरक्षा विशेषज्ञ ने।
छत्तीसगढ़ में बढ़ती ठगी की घटनाएं गंभीर चिंता का विषय हैं। अपराधियों द्वारा अपनाए गए नए पैंतरों से बचने के लिए सरकार, पुलिस और आम नागरिकों को मिलकर काम करना होगा। जागरूकता और सतर्कता ही इस समस्या का सबसे बड़ा समाधान l
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