रायपुर (CG News Focus): छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री विष्णु साय की पहल: अब आम आदमी को तहसील के चक्कर से मिलेगी मुक्तिरायपुर – छत्तीसगढ़ की सरकार ने मुख्यमंत्री विष्णु साय के नेतृत्व में एक महत्वपूर्ण प्रशासनिक सुधार की घोषणा की है, जिससे आम जनता को तहसील के चक्कर लगाने की परेशानी से निजात मिलेगी।
राज्य सरकार ने निर्देश दिए हैं कि सभी लंबित राजस्व प्रकरणों का निराकरण अगले छह महीनों के भीतर सुनिश्चित किया जाए। इस पहल का उद्देश्य है कि आम आदमी को पारदर्शी और सुगम सेवाएं प्रदान की जा सकें।डिजिटल और पारदर्शी राजस्व व्यवस्थाराज्य सरकार द्वारा स्थापित नई नीति के अनुसार, सभी राजस्व मामलों को अब डिजिटल प्लेटफॉर्म के माध्यम से निपटाया जाएगा।
इसके लिए एक विशेष ई-राजस्व पोर्टल की शुरुआत की जाएगी, जहां लोग घर बैठे अपने मामले दर्ज करा सकेंगे, आवश्यक दस्तावेज अपलोड कर सकेंगे, और प्रकरण की स्थिति का पता लगा सकेंगे।
मुख्यमंत्री विष्णु सहाय ने कहा, “यह कदम छत्तीसगढ़ में सुशासन की दिशा में एक बड़ा सुधार है। इससे न केवल लोगों को समय की बचत होगी, बल्कि सरकारी तंत्र में पारदर्शिता भी आएगी।
हमारी सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि हर व्यक्ति को बिना किसी परेशानी के राजस्व मामलों का समाधान मिले।”मुख्य सुविधाएं और लाभनई व्यवस्था के अंतर्गत निम्नलिखित सुविधाएं प्रदान की जाएंगी:1. ऑनलाइन आवेदन: लोग भूमि, संपत्ति और अन्य राजस्व संबंधित मामलों के लिए अब तहसील जाने की बजाय ऑनलाइन आवेदन कर सकेंगे।2. दस्तावेजों का डिजिटल सत्यापन: सभी दस्तावेजों की जांच और सत्यापन ऑनलाइन ही किया जाएगा, जिससे भ्रष्टाचार और देरी की समस्याएं समाप्त होंगी।3. ऑनलाइन अपील और शिकायत निवारण: अगर किसी व्यक्ति को अपने मामले के समाधान से असंतोष है, तो वह पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन अपील या शिकायत दर्ज कर सकेगा।
ग्रामीण जनता को विशेष लाभयह पहल विशेष रूप से ग्रामीण और सुदूर इलाकों के लोगों के लिए लाभकारी सिद्ध होगी। इन क्षेत्रों के लोग अक्सर अपने कार्यों के लिए लंबी दूरी तय करके तहसील कार्यालय जाते थे।
अब वे अपने गांव से ही सभी कार्यों को ऑनलाइन माध्यम से पूरा कर सकेंगे।गांव के एक निवासी श्यामलाल ने कहा, “पहले हमें तहसील के चक्कर लगाने में समय और पैसा दोनों की बर्बादी होती थी।
अब डिजिटल व्यवस्था से हमारा काम आसानी से होगा और हमें बार-बार सरकारी कार्यालय नहीं जाना पड़ेगा।”लंबित मामलों का होगा समाधानराजस्व विभाग के सचिव ने बताया कि सभी तहसील कार्यालयों को निर्देश जारी किए गए हैं कि वे अपने क्षेत्र के सभी लंबित मामलों को छह महीनों के भीतर सुलझा लें।
इसके लिए प्रत्येक तहसील में विशेष टीम का गठन किया गया है, जो मामले की जांच करेगी और संबंधित व्यक्ति को समयबद्ध समाधान प्रदान करेगी।
भ्रष्टाचार पर अंकुशयह पहल सरकारी तंत्र में पारदर्शिता लाने और भ्रष्टाचार को रोकने के उद्देश्य से शुरू की गई है। अब लोग बिना किसी बिचौलिए या घूसखोरी के अपने राजस्व प्रकरणों का निराकरण करवा सकेंगे।
इससे सरकारी दफ्तरों में देरी और भ्रष्टाचार जैसी समस्याओं का अंत होगा।राज्य सरकार की प्रतिबद्धतामुख्यमंत्री विष्णु सहाय ने यह स्पष्ट किया है कि उनकी सरकार जनता की सेवा के प्रति पूर्ण रूप से प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा, “हमारी सरकार का उद्देश्य है कि प्रत्येक नागरिक को बुनियादी सेवाएं आसानी से उपलब्ध हों। हमारी यह पहल छत्तीसगढ़ के विकास में एक मील का पत्थर साबित होगी।
“समाप्ति इस नई नीति के साथ छत्तीसगढ़ में प्रशासनिक प्रक्रियाओं में एक नए युग की शुरुआत हो रही है। आम जनता को उम्मीद है कि इस पहल से न केवल उनकी समस्याओं का समाधान होगा, बल्कि उन्हें एक पारदर्शी और सक्षम प्रशासन भी प्राप्त होगा।
डिजिटल और पारदर्शी राजस्व व्यवस्था
राज्य सरकार द्वारा स्थापित नई नीति के अनुसार, सभी राजस्व मामलों को अब डिजिटल प्लेटफॉर्म के माध्यम से निपटाया जाएगा। इसके लिए एक विशेष ई-राजस्व पोर्टल की शुरुआत की जाएगी, जहां लोग घर बैठे अपने मामले दर्ज करा सकेंगे, आवश्यक दस्तावेज अपलोड कर सकेंगे, और प्रकरण की स्थिति का पता लगा सकेंगे।
मुख्यमंत्री विष्णु सहाय ने कहा, “यह कदम छत्तीसगढ़ में सुशासन की दिशा में एक बड़ा सुधार है। इससे न केवल लोगों को समय की बचत होगी, बल्कि सरकारी तंत्र में पारदर्शिता भी आएगी। हमारी सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि हर व्यक्ति को बिना किसी परेशानी के राजस्व मामलों का समाधान मिले।”
मुख्य सुविधाएं और लाभ
नई व्यवस्था के अंतर्गत निम्नलिखित सुविधाएं प्रदान की जाएंगी:
- ऑनलाइन आवेदन: लोग भूमि, संपत्ति और अन्य राजस्व संबंधित मामलों के लिए अब तहसील जाने की बजाय ऑनलाइन आवेदन कर सकेंगे।
- दस्तावेजों का डिजिटल सत्यापन: सभी दस्तावेजों की जांच और सत्यापन ऑनलाइन ही किया जाएगा, जिससे भ्रष्टाचार और देरी की समस्याएं समाप्त होंगी।
- ऑनलाइन अपील और शिकायत निवारण: अगर किसी व्यक्ति को अपने मामले के समाधान से असंतोष है, तो वह पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन अपील या शिकायत दर्ज कर सकेगा।
ग्रामीण जनता को विशेष लाभ
यह पहल विशेष रूप से ग्रामीण और सुदूर इलाकों के लोगों के लिए लाभकारी सिद्ध होगी। इन क्षेत्रों के लोग अक्सर अपने कार्यों के लिए लंबी दूरी तय करके तहसील कार्यालय जाते थे। अब वे अपने गांव से ही सभी कार्यों को ऑनलाइन माध्यम से पूरा कर सकेंगे।
गांव के एक निवासी श्यामलाल ने कहा, “पहले हमें तहसील के चक्कर लगाने में समय और पैसा दोनों की बर्बादी होती थी। अब डिजिटल व्यवस्था से हमारा काम आसानी से होगा और हमें बार-बार सरकारी कार्यालय नहीं जाना पड़ेगा।”
लंबित मामलों का होगा समाधान
राजस्व विभाग के सचिव ने बताया कि सभी तहसील कार्यालयों को निर्देश जारी किए गए हैं कि वे अपने क्षेत्र के सभी लंबित मामलों को छह महीनों के भीतर सुलझा लें। इसके लिए प्रत्येक तहसील में विशेष टीम का गठन किया गया है, जो मामले की जांच करेगी और संबंधित व्यक्ति को समयबद्ध समाधान प्रदान करेगी।
भ्रष्टाचार पर अंकुश
यह पहल सरकारी तंत्र में पारदर्शिता लाने और भ्रष्टाचार को रोकने के उद्देश्य से शुरू की गई है। अब लोग बिना किसी बिचौलिए या घूसखोरी के अपने राजस्व प्रकरणों का निराकरण करवा सकेंगे। इससे सरकारी दफ्तरों में देरी और भ्रष्टाचार जैसी समस्याओं का अंत होगा।
राज्य सरकार की प्रतिबद्धता
मुख्यमंत्री विष्णु सहाय ने यह स्पष्ट किया है कि उनकी सरकार जनता की सेवा के प्रति पूर्ण रूप से प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा, “हमारी सरकार का उद्देश्य है कि प्रत्येक नागरिक को बुनियादी सेवाएं आसानी से उपलब्ध हों। हमारी यह पहल छत्तीसगढ़ के विकास में एक मील का पत्थर साबित होगी।”
समाप्ति
इस नई नीति के साथ छत्तीसगढ़ में प्रशासनिक प्रक्रियाओं में एक नए युग की शुरुआत हो रही है। आम जनता को उम्मीद है कि इस पहल से न केवल उनकी समस्याओं का समाधान होगा, बल्कि उन्हें एक पारदर्शी और सक्षम प्रशासन भी प्राप्त होगा।
(CG News Focus)