नवा रायपुर, छत्तीसगढ़ (cg news focus):
कभी जिन मासूम हाथों में नक्सलियों ने बंदूक थमा दी थी, आज उन्हीं हाथों में किताबें देकर उनके भविष्य को संवारा जा रहा है। यह बदलाव छत्तीसगढ़ सरकार की दूरदर्शी सोच और योजनाओं का परिणाम है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार को छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित बीजापुर जिले के युवाओं से मुलाकात के दौरान यह भावुक बात कही।

अमित शाह नवा रायपुर में ‘लियोर ओयना’ योजना के तहत रायपुर आए बीजापुर जिले के उसूर और गंगालूर विकासखंड के युवाओं से रूबरू हुए। उन्होंने बच्चों की आंखों में आत्मविश्वास और भविष्य की चमक देख गर्व जताया। गृह मंत्री ने कहा कि, “पहले जहां भय और बंदूक का साया था, अब वहां उम्मीद और उजाले की किरण है। यह परिवर्तन सिर्फ सुरक्षा बलों की कड़ी मेहनत नहीं, बल्कि सरकार की मानवीय सोच और जनजातीय समाज की दृढ़ इच्छाशक्ति का परिणाम है।”
क्या है ‘लियोर ओयना’ योजना?
छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा चलाई जा रही ‘लियोर ओयना’ (अर्थ: नया सवेरा) योजना का उद्देश्य नक्सल प्रभावित दूरस्थ क्षेत्रों के बच्चों को राज्य की मुख्यधारा से जोड़ना है। इस योजना के तहत बच्चों को शैक्षिक भ्रमण के लिए राजधानी लाकर उन्हें तकनीक, विकास और आधुनिक जीवनशैली से परिचित कराया जाता है। इससे उनका आत्मविश्वास बढ़ता है और वे एक बेहतर भविष्य की कल्पना कर पाते हैं।

योजना का असर:
- अब तक सैकड़ों बच्चे रायपुर और अन्य शहरी क्षेत्रों का भ्रमण कर चुके हैं।
- कई युवाओं ने योजना से प्रेरणा लेकर उच्च शिक्षा, खेल और प्रशासनिक सेवाओं में कदम रखा है।
- हिंसा और भटके हुए रास्ते से लौटकर विकास की मुख्यधारा में जुड़ने वाले बच्चों की संख्या बढ़ रही है।
मुख्यधारा की ओर एक मजबूत कदम:
बीजापुर से आए बच्चों के चेहरों पर उत्साह साफ झलक रहा था। कुछ बच्चों ने अमित शाह से संवाद भी किया और अपने अनुभव साझा किए। गृह मंत्री ने बच्चों को प्रेरणादायक पुस्तकें और शिक्षा सामग्री भी भेंट की।
इस अवसर पर छत्तीसगढ़ के वरिष्ठ अधिकारी, पुलिस एवं प्रशासन के प्रतिनिधि भी मौजूद थे।
(cg new focus)