रायपुर (CG News Focus): छत्तीसगढ़ के पहले सांसद, विधायक, और महान समाज सुधारक वकील रेशम लाल जांगड़े के नाम पर राज्य में अब तक कोई भी स्मारक, चौक या संस्था स्थापित नहीं की गई है। यह विषय छत्तीसगढ़ के समाज में चर्चा का केंद्र बनता जा रहा है। राज्य के कई सामाजिक और राजनीतिक संगठनों ने इस महान नेता के सम्मान में एक स्मारक या चौक बनाने की माँग उठाई है।
रेशम लाल जांगड़े: एक अद्वितीय व्यक्तित्व
रेशम लाल जांगड़े छत्तीसगढ़ के इतिहास में एक महत्वपूर्ण और प्रेरणादायक व्यक्तित्व थे। वे न केवल एक कुशल वकील थे, बल्कि समाज में व्याप्त असमानताओं के खिलाफ संघर्ष करने वाले एक महान समाज सुधारक भी थे। उनके नेतृत्व में कई क्रांतिकारी आंदोलनों का सूत्रपात हुआ, जो समाज में पिछड़े और दलित वर्गों के उत्थान के लिए समर्पित थे।
रेशम लाल जांगड़े ने छत्तीसगढ़ के पहले सांसद और विधायक के रूप में अपनी भूमिका निभाई और भारतीय लोकतंत्र में एक मजबूत स्थान बनाया। उनके द्वारा किए गए संघर्ष और योगदान को राज्य और देश के लोग कभी नहीं भुला सकते।
हालांकि, इतने महान नेता के योगदान को याद रखने के लिए राज्य में अब तक कोई भी सार्वजनिक स्मारक, चौक, या उनके नाम से संस्था स्थापित नहीं की गई है। यह स्थिति समाज के कुछ हिस्सों में चिंता का विषय बन गई है। कई सामाजिक संगठनों का कहना है कि ऐसे महान व्यक्ति की स्मृति को सम्मान देने के लिए सरकार और प्रशासन को इस दिशा में कदम उठाने चाहिए।
एक प्रमुख सामाजिक कार्यकर्ता ने कहा, “रेशम लाल जांगड़े जी ने छत्तीसगढ़ के लिए जो किया है, उसे भुलाया नहीं जा सकता। हमें उनकी स्मृति को जीवंत रखने के लिए एक ऐसा स्थान चाहिए जहाँ युवा पीढ़ी उनके आदर्शों और कार्यों से प्रेरणा ले सके।”
अब तक, इस विषय पर राज्य सरकार की ओर से कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है, लेकिन जनभावनाएँ तेजी से उभर रही हैं। सामाजिक संगठनों और जन प्रतिनिधियों द्वारा इस मुद्दे को लेकर सरकार पर दबाव बनाया जा रहा है।
स्मारक और चौक की स्थापना न केवल महान नेता को सम्मानित करने का एक साधन होगी, बल्कि यह भावी पीढ़ी के लिए उनके द्वारा किए गए महान कार्यों का स्मरण करवाने का भी माध्यम बनेगी।
विभिन्न क्षेत्रों के लोग चाहते हैं कि छत्तीसगढ़ के किसी प्रमुख स्थल पर रेशम लाल जांगड़े के नाम से एक चौक या स्मारक बने। इसके अलावा, उनके नाम पर एक शैक्षणिक या सामाजिक संस्था की स्थापना की मांग भी उठाई जा रही है, जिससे उनका योगदान शिक्षा और सामाजिक सुधार के क्षेत्र में भी पहचान प्राप्त कर सके।
समाज के एक वरिष्ठ नागरिक ने कहा, “छत्तीसगढ़ की नई पीढ़ी को रेशम लाल जांगड़े जी के संघर्ष और आदर्शों को जानने का अवसर मिलना चाहिए। उनके नाम पर स्मारक और संस्थान बनाना न केवल एक सम्मान होगा बल्कि यह उनकी विचारधारा को आगे बढ़ाने का भी एक प्रयास होगा।”
रेशम लाल जांगड़े जैसे महान नेता के योगदान को सम्मान देने की दिशा में राज्य सरकार से कदम उठाने की माँग लगातार बढ़ रही है। आने वाले समय में यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि क्या सरकार और प्रशासन इस दिशा में कोई ठोस कदम उठाएंगे और छत्तीसगढ़ के महान समाज सुधारक के नाम पर स्मारक या संस्था की स्थापना करेंगे।
(CG News Focus)