रायपुर (CG news focus): छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित ₹570 करोड़ के कथित कोयला घोटाले में बड़ा मोड़ आया है। आर्थिक अपराध शाखा (EOW) और भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) की संयुक्त कार्रवाई में इस घोटाले के मुख्य आरोपी नवनीत तिवारी को गिरफ्तार कर लिया गया है। तिवारी लंबे समय से फरार चल रहा था और उसे पकड़ने के लिए एजेंसियों द्वारा देशभर में छापेमारी की जा रही थी।
भूपेश बघेल शासनकाल से जुड़ा मामला
यह मामला तत्कालीन कांग्रेस सरकार के कार्यकाल से जुड़ा है, जब छत्तीसगढ़ में कोयले के परिवहन और खनन से संबंधित अनियमितताओं की जांच शुरू हुई थी। आरोप है कि इस दौरान एक संगठित गिरोह ने सरकारी मशीनरी की मिलीभगत से करोड़ों रुपये का घोटाला किया। नवनीत तिवारी को इस पूरे नेटवर्क का मास्टरमाइंड माना जा रहा है।
गिरफ्तारी से खुल सकते हैं कई राज़
ईओडब्ल्यू और एसीबी की टीमों का कहना है कि नवनीत तिवारी की गिरफ्तारी इस मामले में बेहद अहम है, क्योंकि उसके पास घोटाले से जुड़े कई अहम दस्तावेज़ी और रणनीतिक जानकारियाँ हैं। उम्मीद जताई जा रही है कि पूछताछ में कई बड़े नामों का खुलासा हो सकता है।
राजनीतिक हलचल तेज
इस गिरफ्तारी के बाद राज्य की राजनीति में भी हलचल मच गई है। भाजपा ने इसे भ्रष्टाचार के खिलाफ अपनी प्रतिबद्धता का प्रमाण बताया है, वहीं कांग्रेस ने कहा है कि जांच निष्पक्ष होनी चाहिए और किसी भी कार्रवाई का राजनीतिकरण नहीं किया जाना चाहिए।
क्या है घोटाले का पूरा मामला?
बताया जाता है कि कोयला परिवहन से जुड़ी नीतियों में लूपहोल का लाभ उठाते हुए एक संगठित समूह ने कमीशन वसूली, अवैध ट्रांसपोर्ट परमिट और फर्जी बिलों के माध्यम से सरकारी खजाने को करोड़ों का नुकसान पहुंचाया। प्रारंभिक जांच में करीब ₹570 करोड़ के गबन की बात सामने आई थी।
सूत्रों के अनुसार, नवनीत तिवारी को जल्द ही अदालत में पेश किया जाएगा और रिमांड पर लेकर पूछताछ की जाएगी। इस कार्रवाई से छत्तीसगढ़ में हुए कथित भ्रष्टाचार मामलों की परतें खुलने की संभावना और भी प्रबल हो गई है।
(CG news focus)