राज्य स्तरीय शिक्षक सम्मान समारोह में राज्यपाल और मुख्यमंत्री का शिक्षकों के योगदान पर जोर
RAIPUR (CG News Focus): राजभवन में आयोजित राज्य स्तरीय शिक्षक सम्मान समारोह में राज्यपाल श्री रमेन डेका और मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने उत्कृष्ट शिक्षकों को सम्मानित किया। इस अवसर पर राज्यपाल ने कहा कि शिक्षक विद्यार्थियों को बड़े सपने देखने के लिए प्रेरित करें और उन्हें नैतिक मूल्यों की शिक्षा दें। समारोह में तीन शिक्षकों को साहित्यकारों के नाम पर स्मृति पुरस्कार से नवाज़ा गया, जबकि 52 शिक्षकों को राज्य स्तरीय शिक्षक पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
शिक्षकों की भूमिका पर जोर
राज्यपाल श्री रमेन डेका ने समारोह के दौरान कहा, “शिक्षक समाज के प्रमुख नागरिक होते हैं और उनका दायित्व केवल शिक्षा तक सीमित नहीं है, बल्कि उन्हें विद्यार्थियों में नैतिक मूल्य विकसित करने पर भी ध्यान देना चाहिए।” उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि शिक्षण पद्धति में बदलाव हो रहा है, लेकिन गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की अहमियत बनी रहनी चाहिए।
“माता-पिता एक बच्चे को जन्म देते हैं, लेकिन शिक्षक उसके व्यक्तित्व को गढ़ते हैं,” राज्यपाल ने कहा। उनके अनुसार, शिक्षक विद्यार्थियों को बेहतर इंसान बनाने के लिए प्रेरित करते हैं और उनके उज्ज्वल भविष्य की नींव रखते हैं।
मुख्यमंत्री ने किया शिक्षा नीति का उल्लेख
मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने इस अवसर पर कहा कि “भारत उत्तम शिक्षा के मामले में हमेशा समृद्ध रहा है।” उन्होंने राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 की सराहना की और बताया कि छत्तीसगढ़ में इस नीति को लागू कर दिया गया है। इसके तहत 9438 बालवाड़ियों की शुरुआत की गई है और 18 स्थानीय भाषाओं में पढ़ाई कराई जा रही है।
“शिक्षा से नक्सलवाद का अंधियारा छंट रहा है और बस्तर में शिक्षा की रोशनी तेजी से फैल रही है,” मुख्यमंत्री साय ने कहा। उन्होंने बताया कि बस्तर में वर्षों से बंद 29 स्कूलों को पुनः शुरू किया गया है।
शिक्षा के क्षेत्र में सुधार
मुख्यमंत्री साय ने यह भी बताया कि सरकार नक्सल प्रभावित जिलों के बच्चों को उच्च शिक्षा के लिए बिना ब्याज के ऋण दे रही है और रोबोटिक्स तथा एआई की शिक्षा भी शुरू कर दी गई है। उन्होंने कहा, “हमारा सबसे अधिक ध्यान कौशल विकास पर है, जिससे बच्चों के लिए बेहतर भविष्य की राह खुल सके।”
समारोह में सम्मानित शिक्षक
समारोह में बिलासपुर की डॉ. रश्मि सिंह धुर्वे को डॉ. पदुमलाल पुन्नालाल बख्शी स्मृति पुरस्कार, कबीरधाम के श्री राजर्षि पाण्डेय को डॉ. मुकुटधर पाण्डेय स्मृति पुरस्कार और दुर्ग की डॉ. श्रीमती सरिता साहू को डॉ. बलदेव प्रसाद मिश्र स्मृति पुरस्कार से सम्मानित किया गया। इसके साथ ही 52 अन्य शिक्षकों को भी राज्य स्तरीय शिक्षक सम्मान दिया गया।
आधुनिक शिक्षा के प्रति प्रतिबद्धता
समारोह में राज्यपाल ने कहा कि शिक्षकों को अपनी पढ़ाने की शैली में बदलाव करना चाहिए, लेकिन साथ ही गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को भी बनाए रखना होगा। उन्होंने कहा, “शिक्षण सभी व्यवसायों की जननी है, और शिक्षक दिवस हमें अपने दायित्वों और प्रतिबद्धताओं की याद दिलाता है।”
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